जो था ही नहीं उसको कहीं ढूंढ़ना था, दरकते हुए रिश्तों में यकीन ढूढ़ना था, गुजरते हुए लम्हों में कहीं दिन ढल न जाए, रात होने से पहले बहाना कोई हसीन ढूढ़ना था... कुछ न कुछ तो ढूँढ रहे हो आख़िर क्या ढूँढ रहे हो! #ढूँढनेनिकले #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi