पानी से तस्वीर कहाँ बनती है, ख़्वाबों से तक़दीर कहाँ बनती है, किसीको प्रेम करो तो सच्चे दिल से, क्यूंकि ये जिन्दगी फिर कहाँ मिलती है !! __✍️कवि प्रवीण प्रजापति "प्रखर" शायरी संग्रह