Nojoto: Largest Storytelling Platform

बूंदों की लहरे, आज ही की रात क्यों हाथों पर भरे, क

बूंदों की लहरे,
आज ही की रात क्यों हाथों पर भरे,
कड़कती बिजली,
बिना मौसम के रात को मिली,
मध्यम मध्यम चमक चमकीली,
बिना मौसम के बरसात,
ठंड का एहसास
रात, मैं और मेरे साथ ! #बिना_मौसम_के_बरसात #page_no_02 #hindipoem #Omkarsharma omkarsharmablog.wordpress.com
बूंदों की लहरे,
आज ही की रात क्यों हाथों पर भरे,
कड़कती बिजली,
बिना मौसम के रात को मिली,
मध्यम मध्यम चमक चमकीली,
बिना मौसम के बरसात,
ठंड का एहसास
रात, मैं और मेरे साथ ! #बिना_मौसम_के_बरसात #page_no_02 #hindipoem #Omkarsharma omkarsharmablog.wordpress.com
omkarsharma2255

Omkar Sharma

New Creator