सादर नमन दोहा धुरंधर मंच दिनांक–२५/०६/२०२१ दिन–शुक्रवार प्रदत्त शब्द- “शोक” विधा–दोहा छंद। कर्महीन मानुष सदा,देय भाग्य को दोष। चिंता में डूबा रहे, नित्य करे वो शोक।। मनीष कुमार ‘मन’ पूर्णतः स्वरचित मौलिक सर्वाधिकार सुरक्षित #मौर्यवंशी_मनीष_मन #दोहा_मन #शोक #कर्म