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स्वर साध्य हैं जो आराध्य हैं, रहते सदा विशुद्ध

स्वर
साध्य हैं
  जो आराध्य हैं, 
रहते सदा
 विशुद्ध! 

(अनुशीर्षक में)  सायली छंद में रचित कृति :

स्वर
साध्य हैं
जो आराध्य हैं, 
रहते सदा
विशुद्ध!
स्वर
साध्य हैं
  जो आराध्य हैं, 
रहते सदा
 विशुद्ध! 

(अनुशीर्षक में)  सायली छंद में रचित कृति :

स्वर
साध्य हैं
जो आराध्य हैं, 
रहते सदा
विशुद्ध!