ये दर्द ए जुदाई भी सहनी है मुझे, काली सुर्ख रात, तन्हाई भी सहनी है मुझे, अज़ल से हाँथों की लकीरों पर है मसाफ़त , मेरे महबूब की जुदाई भी सहनी है मुझे। मसाफ़त- दूरी अज़ल- जन्म से #shayari #poetry #sher #love IG- @unkahijubaan