हुस्न के चाँद की तमन्ना नहीं है मुझे जज्बातों की रोशनी चाहिए, आसमां की ख्वाहिश किसे है मुझे दो गज़ ज़मीं चाहिए, ये तेरे अंदाज़ों में इतना दम नहीं कि मुझे मुसाफ़िर बना दें, मेरी प्यास की राह को तो आँखों में नमी चाहिए #search for love