Nojoto: Largest Storytelling Platform

यकीं मानिये मैं बाज़ार नहीं गया था वरन बाज़ार मेरे

यकीं मानिये 
मैं बाज़ार नहीं गया था
वरन बाज़ार मेरे घर में घुस गया
उसने बेचा मुझे बहुत कुछ गैर जरूरी औऱ ले गया 
हरी घास ,
उछलती गिलहरी,
टिटहरी की आवाज,
बगुलों के झुण्ड,
फेरीवाले की पुकार
और बहुत कुछ...............
कहते है सौदे में हमेशा-हमेशा बाजार कमाता है । चलते चलते
यकीं मानिये 
मैं बाज़ार नहीं गया था
वरन बाज़ार मेरे घर में घुस गया
उसने बेचा मुझे बहुत कुछ गैर जरूरी औऱ ले गया 
हरी घास ,
उछलती गिलहरी,
टिटहरी की आवाज,
बगुलों के झुण्ड,
फेरीवाले की पुकार
और बहुत कुछ...............
कहते है सौदे में हमेशा-हमेशा बाजार कमाता है । चलते चलते