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वो चाहती थी दो पल रो ले मेरी जुदाई मैं घर वालों ने

वो चाहती थी दो पल रो ले मेरी जुदाई मैं घर वालों ने उसके अश्कों पर काजल का पहरा जो लगा रखा था
वो चाह कर भी ना थाम सकीं मेरे हाथ
सुना के उसकी सहेलियों ने उसके हाथ मेहंदी लगा रखा था
वॊ तो कब की टूट कर बिखर चुकी थी मेरी जुदाई में
उसकी शादी के वक़्त तो उसके बाप की इज्जत के ड़र ने संभाल रखा था #uski_shadi
वो चाहती थी दो पल रो ले मेरी जुदाई मैं घर वालों ने उसके अश्कों पर काजल का पहरा जो लगा रखा था
वो चाह कर भी ना थाम सकीं मेरे हाथ
सुना के उसकी सहेलियों ने उसके हाथ मेहंदी लगा रखा था
वॊ तो कब की टूट कर बिखर चुकी थी मेरी जुदाई में
उसकी शादी के वक़्त तो उसके बाप की इज्जत के ड़र ने संभाल रखा था #uski_shadi