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White तेरी सीरत को मै अपनी सीरत बनाकर देखूँ, आ बैठ

White तेरी सीरत को मै अपनी सीरत बनाकर देखूँ,
आ बैठ मेरे पास तुझे दिल मे बसाकर देखूँ//१

तु ख्वाबों मे नहीं हकीकत मे मिला है मुझको,ये
मेरी दिलीहसरत है के मै तुझे हाथ लगाकर देखूँ//२

इतने रंजोगम सह्ने के बाद मिला है मुझको,
मेरे महबूब तुझे अपनी आगोश मे समाकर देखूँ/३

मुस्व्वीर खुद परेशान है के ये तस्वीर किसकी है,
सोचती हुँ दिल ए दयार मे यही तस्वीर सजाकर देखूँ//३

लोग कहते है तु हसीन माह- जबीन माहताब है बहुत,
तुझे चांदनी शब मे-मै दबेपांव आकर देखूँ//४

वसवसे आते है तेरे बारे मे बहुत से मुझको,सोचती हुं
के इन बद  ख्यालों को अपने ज़हन से भुलाकर देखूँ//५
 
"शमा"की सीरत से भी बहुत मिलती है सीरत तेरी,
मै अब ये चाहती हुं तुझे दुनियां को दिखाकर देखूँ//६
#shamawritesbebaak

©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर तेरी सीरत को मै अपनी सीरत बनाकर देखूँ,आ बैठ मेरे पास तुझे दिल मे बसाकर देखूँ//१

तु ख्वाबों मे नहीं हकीकत मे मिला है मुझको,ये मेरी दिली
हसरत है के मै तुझे हाथ लगाकर देखूँ//२

इतने रंजोगम सह्ने के बाद मिला है मुझको,मेरे महबूब तुझे अपनी आगोश मे समाकर देखूँ/३

मुस्व्वीर खुद परेशान है के ये तस्वीर किसकी है,सोचती हुँ  दिल ए दयार मे यही तस्वीर  सजाकर देखूँ//३
White तेरी सीरत को मै अपनी सीरत बनाकर देखूँ,
आ बैठ मेरे पास तुझे दिल मे बसाकर देखूँ//१

तु ख्वाबों मे नहीं हकीकत मे मिला है मुझको,ये
मेरी दिलीहसरत है के मै तुझे हाथ लगाकर देखूँ//२

इतने रंजोगम सह्ने के बाद मिला है मुझको,
मेरे महबूब तुझे अपनी आगोश मे समाकर देखूँ/३

मुस्व्वीर खुद परेशान है के ये तस्वीर किसकी है,
सोचती हुँ दिल ए दयार मे यही तस्वीर सजाकर देखूँ//३

लोग कहते है तु हसीन माह- जबीन माहताब है बहुत,
तुझे चांदनी शब मे-मै दबेपांव आकर देखूँ//४

वसवसे आते है तेरे बारे मे बहुत से मुझको,सोचती हुं
के इन बद  ख्यालों को अपने ज़हन से भुलाकर देखूँ//५
 
"शमा"की सीरत से भी बहुत मिलती है सीरत तेरी,
मै अब ये चाहती हुं तुझे दुनियां को दिखाकर देखूँ//६
#shamawritesbebaak

©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर तेरी सीरत को मै अपनी सीरत बनाकर देखूँ,आ बैठ मेरे पास तुझे दिल मे बसाकर देखूँ//१

तु ख्वाबों मे नहीं हकीकत मे मिला है मुझको,ये मेरी दिली
हसरत है के मै तुझे हाथ लगाकर देखूँ//२

इतने रंजोगम सह्ने के बाद मिला है मुझको,मेरे महबूब तुझे अपनी आगोश मे समाकर देखूँ/३

मुस्व्वीर खुद परेशान है के ये तस्वीर किसकी है,सोचती हुँ  दिल ए दयार मे यही तस्वीर  सजाकर देखूँ//३