एक बार मेरे दोस्त ने मुझसे पूछा कि तुम दोस्ती पर शायरी क्यो नहीं लिखती मैंने उससे कहा कि_ मुझे ऐसे दोस्त कहां मिले,जो मुझे समझ सके जो बिन कहे, मेरे दिल की बात जान सके जो मेरी आंखों को पढकर, मेरी इच्छाएं पहचान सके साथ रहने और साथ घूमने वाले दोस्त नहीं कहलाते हर क़दम पर साथ देने वाले दोस्त कहलाते हैं खुबसूरत बातें तो अनजान भी करते हैं जनाब खुबसूरत रिश्ते निभाने वाले दोस्त कहलाते हैं जो दूर होकर भी पास होते हैं जो न होकर भी अपने होने का एहसास दिलाते हैं जो दर्द को भी मुस्कुराहट बना देते हैं और जो मुस्कुराहटों को खुशियों में बदल देते हैं.... मेरे लिए वही दोस्त कहलाते हैं 😃