आईए... इस पृथ्वी को बचाते हैं , जैसा था कल , वैसा ही सुन्दर कल बनाते हैं! नदियां थी जहां निर्मल, दूषित ना हर बार था गहरे नील समुंदर में, बसता जल संसार था जहां हैं अब प्लास्टिक का भंडार ,उसका नामोनिशान मिटाते हैं ! जैसा था कल. वैसा ही.........आईए पृथ्वी को बचात हैं ... हरे _भरे हरियाली से भरा, जंगल पहाड़ था पशु पक्षियों का सुंदर बसा पूरा परिवार था मानव के लालच से बनी बंजर धरती को फिर से हरियाली बनाते हैं जैसा था कल वैसे ही....... आइए पृथ्वी को बचाते हैं.. #आइए धरती को बचाते हैं ...एक छोटा सा प्रयास है लिखने का कुछ त्रुटि हो तो बताइएगा!