अगर औरत समझ दार होती तो बारात मे कभी आदमी नही जाते....? यह शब्द में भी नही कहना चाहता पर जब यही पंक्ति मुझे आज किसी (garden) मे बैठी बुढ़ीया द्वारा कही गई...! जब यह पंक्ति किसी औरत द्वारा सुनने को मिली और उनके द्वारा इस पंक्ति को पूर्णरूपेण तरीके से सिद्ध किया और अपनी पीड़ा बतायी और अपनी बहु द्वारा किये गए व्यवहार को भी बताया,और फिर यह बात मुझे भी कुछ हद तक सही लगी............ ″ मे भी ज्यादा कुछ कहना नही चाहता पर ″ घर की बहु यह क्यों भुल जाती है कि वह भी एक दिन किसी की सास बनेंगी.......? ©ravindra__sodha #mahila #Aaurat