*पाँच अगस्त बस पांच नहीं,* *यह पंचामृत कहलायेगा !* *एक रामायण फिरसे अब,* *राम मंदिर का लिखा जाएगा!!* *जितना समझ रहे हो उतना,* *भूमिपूजन आसान न था!* *इसके खातिर जाने कितने,* *माताओं का दीप बुझा !* *गुम्बज पर चढ़कर कोठारी,* *बन्धुओं ने गोली खाई थी!* *नाम सैकड़ो गुमनाम हैं,* *जिन्होंने जान गवाई थी!!* *इसी पांच अगस्त के खातिर,* *पांचसौ वर्षो तक संघर्ष किया!* *कई पीढ़ियाँ खपि तो खपि,* *आगे भी जीवन उत्सर्ग किया!!* *राम हमारे ही लिए नहीं बस,* *उतने ही राम तुम्हारे हैं!* *जो राम न समझ सके वो,* *सचमुच किस्मत के मारे हैं!!* *एक गुजारिस हैं सबसे बस,* *दीपक एक जला देना!* *पाँच अगस्त के भूमिपूजन में,* *अपना प्रकाश पहुँचा देना!!* *नहीं जरूरत आने की कुछ,* *इतनी ही हाजरी काफी है!* *राम नाम का दीप जला तो,* *कुछ चूक भी हो तो माफी है!!* *कविता नहीं यह सीधे सीधे,* *रामभक्तो को निमन्त्रण है!* *असल सनातनी कहलाने का,* *समझो कविता आमंत्रण है!!* *जय श्रीराम, जय जय श्रीराम* 🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩 #5august2020 #Rammandir #Ayodhya #newplace