झूठ कहने मुझे आती नहीं छुपाती नहीं मैं कोई बात जो चाहे मुझे पढ़ ले रातों-रात मैं हूं एक खुली किताब ,,@:@खुशबू कुमारी@:@" #मेरी किताब#खुली किताब