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जितने जितने मोड़ उतने उतने रोमांच कहीं कहीं ऊपर

 जितने जितने मोड़ 
उतने उतने रोमांच 
कहीं कहीं ऊपर 
कहीं कहीं नीचे 
नीचे देखने का 
अपना अपना रोमांच 
ऊपर देखने का 
अपना अपना रोमांच 
पीछे है खाई 
आगे है ऊंचाई 
हर मोड़ पर 
है नव जीवन 
थोड़ा है सम्हलना 
थोड़ा है रुकना 
थोड़ा है झुकना 
थोड़ा है चलना 
खुद ब ख़ुद 
नित नए पथ
जिंदगी का पहाड़ 
बनाते जाएगा सुगम 
–अjay नायक ‘वशिष्ठ’

©AJAY NAYAK
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#जिंदगी_का_सफर 
#जिंदगी_का_पहाड़
 जितने जितने मोड़ 
उतने उतने रोमांच 
कहीं कहीं ऊपर 
कहीं कहीं नीचे 
नीचे देखने का
ajaynayak1166

AJAY NAYAK

Silver Star
New Creator

#lakeview #जिंदगी_का_सफर #जिंदगी_का_पहाड़ जितने जितने मोड़ उतने उतने रोमांच कहीं कहीं ऊपर कहीं कहीं नीचे नीचे देखने का #कविता

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