*मंज़िल ना मिले तब तक हिम्मत* *_मत हारो और ना ही ठहरो…._* _क्योंकि_ *_पहाड़ से निकलने वाली नदियों ने_* *आज तक रास्ते में किसी से नहीं पूछा कि… _* *”समन्दर कितना दूर है.* #kabhi_na_ruko