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किताब ऐ दास्ता कभी कलम से लिखा किजीऐ बंद जुबा से

किताब ऐ दास्ता कभी कलम से लिखा किजीऐ 
बंद जुबा से नही तो लिखकर खुद को बया  किजीऐ 
क्युकि ...कलम मे जो ताकत होती है  वह जुबा मे नही होती 
वरना समाचार पत्र युंही नही छपवाते।। 


नितस्मित पेंशनवार

©nitukolhe nitsmit penshanwar समाचार 

#Book
किताब ऐ दास्ता कभी कलम से लिखा किजीऐ 
बंद जुबा से नही तो लिखकर खुद को बया  किजीऐ 
क्युकि ...कलम मे जो ताकत होती है  वह जुबा मे नही होती 
वरना समाचार पत्र युंही नही छपवाते।। 


नितस्मित पेंशनवार

©nitukolhe nitsmit penshanwar समाचार 

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