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"कीमत चुका रहीं हूँ, दूसरों के गुनाहों की, रातों क

"कीमत चुका रहीं हूँ, दूसरों के गुनाहों की,
रातों को याद भी नहीं आती, अब नींद की।।" 

                              Shaivya #feelings #Quotes  #mentalHealth
"कीमत चुका रहीं हूँ, दूसरों के गुनाहों की,
रातों को याद भी नहीं आती, अब नींद की।।" 

                              Shaivya #feelings #Quotes  #mentalHealth