मनुष्य के जिह्वा के अलावा उसकी सारी इंद्रिया मांसाहार के खिलाफ होती है , कहने का सीधा तात्पर्य है कि मनुष्य एक इन्द्रिय के लिए अपने ही शरीर के कई इन्द्रियों का उपहास करता है । ©Kaushal sharma {**श्री राधा,,**} Sonia Anand