सोई- सी हवा के संग हम चले उस टूटे हुए तारे की खोज में आंसुओं के बादल से घिरे, गगन के तले। बस एक ही आस लिए कि हमें वह तारा वहाँ मिले जहाँ न जीवन चले, न अंत दिखे, न आशा मरे, न रास्ता हिले-डुले क्योंकि ऐसी जगह तो केवल उस शहर में जहाँ तारे ख्वाहिशों के लिए नहीं, अपने लिए टूटते मिले। ~प्रगति ••वह टूटता तारा•• सोई- सी हवा के संग हम चले उस टूटे हुए तारे की खोज में आंसुओं के बादल से घिरे, गगन के तले। बस एक ही आस लिए कि हमें वह तारा वहाँ मिले जहाँ न जीवन चले, न अंत दिखे,