एक रोज़ पकड़ में आ गयी ज़ंजीरें मुझको इस क़दर भा गयी ज़ंजीरें आदमी अगरचे ना आया रास उसे आदमी को पसंद आ गयी ज़ंजीरें इसने ना देखा राजा था रंक कौन जफ़ा से हमको मिला गयी ज़ंजीरें बहोत था मुझमें मेरा होना शायद मुझे फुरसत से सता गयी ज़ंजीरें #ज़ंजीर #nojotopoetry #hindiurdupoetry #nojoto