अप्सराओं के भी दिल जलते हैं आंखों से जो जाम तुम्हारे छलकते हैं ना जाने कितनों के कदम बहकते हैं , चेहरे पर जुल्फों को हवा के झोंके जब ले आते हैं, तारे भी देखकर जमीं के चांद को शरमाते हैं।। ©Dayal "दीप, Goswami.. Anshu Pandey ram singh yadav