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*जनता जिसे चुनती है वो ' संसद ' में बैठते है* *और

*जनता जिसे चुनती है वो ' संसद ' में बैठते है* 
*और* 
*भगवान जिसे चुनते है वो " सत्संग " मे बैठते है*।


*हमें तो ना जनता ने चुना है ना भगवान ने* ,
*सो* 
 *Whatsapp पे ही बैठे है* ।
😜😜😜😜
*जनता जिसे चुनती है वो ' संसद ' में बैठते है* 
*और* 
*भगवान जिसे चुनते है वो " सत्संग " मे बैठते है*।


*हमें तो ना जनता ने चुना है ना भगवान ने* ,
*सो* 
 *Whatsapp पे ही बैठे है* ।
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