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कल रात गई रात तक... चलती रही होंगी नफ़रत की आंधियाँ

कल रात गई रात तक...
चलती रही होंगी नफ़रत की आंधियाँ,
भोर होते ही देखा तो...
शजर पर एक ही पत्ता नज़र आता था!

©V Vanya #शज़र
कल रात गई रात तक...
चलती रही होंगी नफ़रत की आंधियाँ,
भोर होते ही देखा तो...
शजर पर एक ही पत्ता नज़र आता था!

©V Vanya #शज़र