चल आ आज गम को कहि छोड़ आते है , चल आ आज खुशियो को फिर मोड़ लाते है , उदासी का सिलसिला यही खत्म करते है , जो नही हो सका उस बात को दफन करते है , चल फिर एक नई उम्मीद जागते है , चल आ आज गम को कहि छोड़ आते है । ढूंढने खुशियो को दूर कहि जाना नही , किसी कील में मीले ये वो खजाना नही , चल उलझी जिंदगी को थोड़ा सरल बनाते है चल आ आज गम को कहि छोड़ आते है । ।