White न देखो पीर उर की, पर अधर की प्यास तो देखो निहारो मत दिये को, पर शलभ की लाश तो देखो न कहना फिर तड़प का कुछ असर होता नहीं जग में, धरा के ताप पर रोता हुआ आकाश तो देखो सही है, रिक्त हूँ मैं ज़िन्दगी की मुस्कराहट से, व्यथाओं ने दिया है जो मधुर उल्लास तो देखो इधर उपवन हुआ वीरान है, यह मानता हूँ मैं उधर अंगड़ाइयाँ लेता हुआ मधुमास तो देखो नहीं मालूम तुमको ख़ुद तुम्हारे ईश की सूरत मनुज की भावना का यह सबल उपहास तो देखो रुपहली रात में माना व्यथित आँखें बरसती हैं घनी काली घटाओं में तड़ित का हास तो देखो न मापो ज़िन्दगी में दर्द की गहराइयों को तुम हृदय के अंक में पलता हुआ विश्वास तो देखो ©दीपबोधि #GoodMorning शायरी attitude खूबसूरत दो लाइन शायरी दोस्ती शायरी