मेरे सिवाए और कौन है, किस- किस को तू यूँ तकता है।। ~~क्षितिज रस्तोगी ©Kshitij rastogi इक श़े'र मेरे सिवाए और कौन है, किस-किस को तू यूँ तकता है।। ~~क्षितिज रस्तोगी #rekhta