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मंज़िल है बहुत दूर और मुश्किल सा सफर है हम बे सर ओ

मंज़िल है बहुत दूर और मुश्किल सा सफर है
हम  बे सर ओ सामान का  होता  कहाँ घर है

हम अपनी अज़्म से  कर लेते  हैं  पार समंदर
गर साथ हो अल्लाह का किस बात का डर है

कह दो  ये  दुनियाँ वालों से  आंखें न दिखाएँ
चलते  हैं  लेके  धार  पे   तलवार  के  सर  है

✒️ एजाज़ अश्क

©Aijaz Ahmad Ashk #boat  life shayari in hindi
मंज़िल है बहुत दूर और मुश्किल सा सफर है
हम  बे सर ओ सामान का  होता  कहाँ घर है

हम अपनी अज़्म से  कर लेते  हैं  पार समंदर
गर साथ हो अल्लाह का किस बात का डर है

कह दो  ये  दुनियाँ वालों से  आंखें न दिखाएँ
चलते  हैं  लेके  धार  पे   तलवार  के  सर  है

✒️ एजाज़ अश्क

©Aijaz Ahmad Ashk #boat  life shayari in hindi