Krishnaa says to Radha at Yamuna Ghaat... नदिया की धारा जैसे चूमती हैं जब पाँव तुम्हारे, मैं बैठा बैठा देखूँ बेबस जैसे प्यासा घाट किनारे ! मैंने पाया प्यार जगत का तेरी सुरमयी आँखों में! भूल ही जाता हूँ खुद को भी आकर तेरी बाहों में!! वैभव छोडूँ, वैकुंठ भी छोडूँ छोडूँ मुरली, मथुरा छोडूँ, राधे तुम्हारे नेह की खातिर तीनों लोक की प्रभुता छोडूँ! तन में राधे, मन में राधे राधे राधे अब साँसों में! भूल ही जाता हूँ खुद को भी आकर तेरी बाहों में!! ©Harishh,,, Radha krishna 💕