तेरे दिल से मेरे रूह की रिहाई हो गई हैं ये कैसी खुदा हमपे तेरी खुदाई हो गई हैं जो वादा किये थे हर जनम में मेरे साथ देने का कभी न मिलने वाली जुदाई हो गई हैं ।। रूह की रिहाई