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जब जब सीता ने जन्म लिया, बस धर्म की रीत निभाई है

जब जब सीता ने  जन्म लिया, बस धर्म की  रीत निभाई है,
मर्यादा पुरुषोत्तम के समक्ष, बस अग्नि परीक्षा देते आई है।
साबित करना पड़ा ख़ुद को, क्यों वचनों का कोई मोल नहीं,
होता सीता का  सम्मान नहीं, हमनें यह कैसी शिक्षा पाई है।

युग बदला  पर बदल  ना पाया, सदियों  की रीत  पुरानी है,
आधुनिक  काल में  हर  सीता  संग, होती  यही  कहानी है।
संस्कार  विहिन  हम हो चुके, जानें  हम अब  कब  सुधरेंगे,
ना रहा  अब तो  राम राज्य, ना जनता अब  स्वाभिमानी है।

ना रहा अब तो  लोक लाज, आदर्श  संस्कार  सब  खो गए,
जन्म  लेकर  दशरथ के  घर में, हम राम  से रावण  हो गए।
सुख  वैभव से  परिपूर्ण  सीता, निष्ठुर  तक़दीर ना  बदलेगी,
अब तो जागो  हे दशरथ  नंदन, क्यों घोर  निद्रा में  सो गए।  #yqbaba #yqdidi  #myquote #openforcollab  #collabwithmitali #ramayan_ka_saar #sita_agnipariksha


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जब जब सीता ने  जन्म लिया, बस धर्म की  रीत निभाई है,
मर्यादा पुरुषोत्तम के समक्ष, बस अग्नि परीक्षा देते आई है।
साबित करना पड़ा ख़ुद को, क्यों वचनों का कोई मोल नहीं,
होता सीता का  सम्मान नहीं, हमनें यह कैसी शिक्षा पाई है।

युग बदला  पर बदल  ना पाया, सदियों  की रीत  पुरानी है,
आधुनिक  काल में  हर  सीता  संग, होती  यही  कहानी है।
संस्कार  विहिन  हम हो चुके, जानें  हम अब  कब  सुधरेंगे,
ना रहा  अब तो  राम राज्य, ना जनता अब  स्वाभिमानी है।

ना रहा अब तो  लोक लाज, आदर्श  संस्कार  सब  खो गए,
जन्म  लेकर  दशरथ के  घर में, हम राम  से रावण  हो गए।
सुख  वैभव से  परिपूर्ण  सीता, निष्ठुर  तक़दीर ना  बदलेगी,
अब तो जागो  हे दशरथ  नंदन, क्यों घोर  निद्रा में  सो गए।  #yqbaba #yqdidi  #myquote #openforcollab  #collabwithmitali #ramayan_ka_saar #sita_agnipariksha


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