जब शादी हुई आरती की तो वो बहुत खुश थी ,लगा था जैसे उसे सारा जहान मिल गया ,राहुल को पाकर उसके पाँव ज़मी पर नही पड़ रहे थे ।राहुल और आरती का परिवार बहुत करीब था ,एक दूसरे के हर सुख में दुख में शरीक होते थे उनके परिवार जन ।
उन दोनों की शादी भी परिवार वालो की मर्ज़ी से ही हुई थी ।
राहुल की माँ ने तो आरती को उसी वक़्त राहुल के लिए चुन लिया था जब वह महज़ 11 वर्ष की थी । राहुल और आरती एक साथ खेलकर ही बड़े हुए थे ।
जैसे जैसे वो जवान हुए आरती राहुल की तरफ खिंचती ही चली गई ।मगर राहुल के व्यवहार में उसने कभी प्रेम वाली फीलिंग महसूस नही की ,।लेकिन जब परिवार वालो ( विशेषत माता पिता ) का दबाव पड़ा तो राहुल को शादी करनी ही पड़ी ।लेकिन आरती के पांव ज़मीं पर नही पड़ रहे थे उधर राहुल बेहद खिंचा खिंचा और उदास सा था ।मगर आरती इस सब से बेपरवाह ख़ुद में बेहद खुश थी ।
जैसे जैसे मिलन की रात करीब आ रही थी आरती की उत्सुकता और राहुल की बेचैनी दोनों बढ़ रही थी ।
राहुल की कज़िन वगैरह ने उनक कमरे को अच्छे से सजाया और आरती लंबा सा घूँघट ओढ़े फूलों से सजे अपने बिस्तर पर बैठ गई ।
और इंतज़ार करने लगी लगभग 1 घण्टा बीत गया राहुल अभी तक नही आया ।उसे लगा शायद अपने दोस्तों में व्यस्त होगा ।
तकरीबन रात के डेढ़ बजे राहुल कमरे में आया ।आँखे सूजी हुई और बेहद बेतरतीब लग रहा था ।आरती ने थोड़ा परेशान हो कर पूछा "क्या हुआ राहुल' तुम ख़ुश नही हो ? #एकतरफाप्यार#प्रेरक