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धुंध हैं चारों तरफ़ , मेरा आसमां कुछ खाली खाली सा

धुंध हैं चारों तरफ़ ,
मेरा आसमां कुछ खाली खाली सा हैं ,
तपिश का एहसास तो हैं ,
मेरा मंज़र कुछ अधूरा सा हैं ,
धुंध हैं चारों तरफ़
जो इल्म हैं तुझे तो आते क्यों नहीं ,
मेरी हसरतों को तुम सजाते क्यों नहीं ,
नकाफिर सा हैं ये मंज़र मेरा ,
इन सांसों में अपनी चाहत घोलते क्यों ,
धुंध हैं चारों तरफ़ ,
हसरतें आते हैं छु के गुजर जाते हैं 
तेरे बिना कुछ खलिश सा हैं अरमान मेरा . "

                                 --- रबिंद्र राम  धुंध है चारों तरफ़...
#धुंध #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
धुंध हैं चारों तरफ़ ,
मेरा आसमां कुछ खाली खाली सा हैं ,
तपिश का एहसास तो हैं ,
मेरा मंज़र कुछ अधूरा सा हैं ,
धुंध हैं चारों तरफ़
जो इल्म हैं तुझे तो आते क्यों नहीं ,
मेरी हसरतों को तुम सजाते क्यों नहीं ,
नकाफिर सा हैं ये मंज़र मेरा ,
इन सांसों में अपनी चाहत घोलते क्यों ,
धुंध हैं चारों तरफ़ ,
हसरतें आते हैं छु के गुजर जाते हैं 
तेरे बिना कुछ खलिश सा हैं अरमान मेरा . "

                                 --- रबिंद्र राम  धुंध है चारों तरफ़...
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