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महज कुर्बानी ही ईद उल अजहा नहीं कहलाती है कुर्बानी

महज कुर्बानी ही ईद उल अजहा नहीं कहलाती है
कुर्बानी किस मकसत से दी जा रही है 
ये ईद उस मक्सत के जरिए 
हर दफा नबी की याद दिलाती हैं

याद रहे आपको नबी अब्राहम की कुर्बानी
गूंजे किस्सा ये घर घर में
दुख दर्द भी कुर्बान हो जाए, 
अल्लाह आप पे खुशियों का ड्डेहर ढाए
ये ईद आपके जीवन को उल्लास से भर जाए

ईद-उल-अजहा मुबारक"
Eid Mubarak 

                    -priyachandra__ महज कुर्बानी ही ईद उल अजहा नहीं कहलाती है
कुर्बानी किस मकसत से दी जा रही है 
ये ईद उस मक्सत के जरिए 
हर दफा नबी की याद दिलाती हैं

याद रहे आपको नबी अब्राहम की कुर्बानी
गूंजे किस्सा ये घर घर में
दुख दर्द भी कुर्बान हो जाए,
महज कुर्बानी ही ईद उल अजहा नहीं कहलाती है
कुर्बानी किस मकसत से दी जा रही है 
ये ईद उस मक्सत के जरिए 
हर दफा नबी की याद दिलाती हैं

याद रहे आपको नबी अब्राहम की कुर्बानी
गूंजे किस्सा ये घर घर में
दुख दर्द भी कुर्बान हो जाए, 
अल्लाह आप पे खुशियों का ड्डेहर ढाए
ये ईद आपके जीवन को उल्लास से भर जाए

ईद-उल-अजहा मुबारक"
Eid Mubarak 

                    -priyachandra__ महज कुर्बानी ही ईद उल अजहा नहीं कहलाती है
कुर्बानी किस मकसत से दी जा रही है 
ये ईद उस मक्सत के जरिए 
हर दफा नबी की याद दिलाती हैं

याद रहे आपको नबी अब्राहम की कुर्बानी
गूंजे किस्सा ये घर घर में
दुख दर्द भी कुर्बान हो जाए,