इबादत करती दुआ करती, सिर्फ़ मेरे लिए जो लम्हें जिए, हर लम्हों मे फ़िक्र मेरे लिए हर दर्द में सुकून का है एहसास मेरी "माँ" इसलिए तो सबसे खास है मेरी प्यारी "माँ" मेरे इन लबों पर उदासी नहीं है मंजूर उसे खुशी के लिए, ज़िंदगी का सौदा मंजूर उसे रब रहता है, ओझल इन नयनों से "कृष्णा" इसलिए तो हरपल संग मुस्कराती है "माँ" तेरी "रहमत" का शुक्रगुज़ार हूँ ए ख़ुदा मैं बक्शी जन्नत माँ के रूप में, कर्जदार हूँ मैं रमज़ान :_ रहमत (03/30) #कोराकाग़ज़ #अल्फाज_ए_कृष्णा #collabwithकोराकाग़ज़ #kkरहमत #kkr2021 #रमज़ान_कोराकाग़ज़ #maa #yqdidi