ख्याल। उसका रोज़-रोज़ दलीचे से चुप-छुपकर,मुझको निहारना। बिना बताए मेरा नंबर किसी ओर के फ़ोन से चुराना। बाजार में बिन बतलाये मेरे पास से गुजर जाना , और घर जाकर मझे msgs करना कि यार काला शर्ट तुझ पर बहुत जमता ह, ये कह कह कर मुस्कुराना ,और मेरी हजारों तारीफें करना। अगले दिन से मुझे फिरसे परेशान करना , और रोज घण्टो बातें करना। अपने पूरे दिन की दिनचर्या मुझको बताना,औऱ मेरे साथ साथ नन्हे बच्चों को खिलाना। घण्टो फ़ोन पर मुझसे बातें करना , और अंत मे झूठे बहाने बनाकर फ़ोन कट करके भाग जाना। तुम बहुत अच्छे हो,तुमसा कोई नही ये बोल बोल कर मन्द मन्द मुस्कुराना। और ऐसे ही कुछ साल बीत जाना , अंत मे अचानक तेरा कॉल आना । धीरे धीरे रोते हुए मझे बताना , की यार मेरी सगाई वाले आरहे ह । कई घण्टों रोना फिर फ़ोन कट करके मझको हमेशा के लिए छोड़ कर चले जाना । शादी में अपने पति को छोड़कर मुझे आंखे दिखाना , फेरे लेते वक्त तिरछी नज़रों से मुझे निहारना और मेरे दिल के टुकड़े टुकड़े कर देना। क्या यही प्यार है?