झाँक कर अपने गिरेबान में जब देखा मैने, मुझसे बुरा इंसाँ जमाने में न था, जगा न पाया शमा-ए-उम्मीद किसी के दिल में, भागता रहा दौलत के पीछे, दिमाग मेरा ठिकाने में न था ।। ©Chauhan Chirag #इंसानी फ़ितरत #rayofhope Shashank Tripathi NIHAR