रातों को उठ कर अल्फाजों को लिखता हूं सपने मेरे बड़े हैं सुबह देर से मैं उठता हूं जहां मिले इज्जत वहीं पर टिकता हूं असली वाला डायमंड मैं बाजारों में नहीं बिकता हूं