मैने वफा को बेवफ़ा होते देखा है मैंने जिंदगी को खुदसेे खफा होते देखा है मुहब्बत की परिभाषा लिखु भी तो कैसे लिखु मैने मुहब्बत को कौडियो के भाव हवा होते देखा है Praveen poetry #Praveen Kumar