वैश्विक स्तर पर गेहूं की आपूर्ति में भारत की हिस्सेदारी बढ़ना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस कथन को सही साबित करता है कि भारत दुनिया का खाद्यान्न उपलब्ध करा सकता है एक अनुमान है कि इस वर्ष एक करोड़ टन गेहूं निर्यात करा सकता है नहीं संदेश का मुख्य प्रमुख कारण से उस पर हमला है महत्वपूर्ण केवल यह नहीं है कि यूक्रेन संकट के कारण दुनिया भर में भारतीयों की मांग बढ़ रही है बल्कि हमारे किसान निजी कंपनियों को बेचना पसंद कर रहे हैं इसके बावजूद यह है कि निजी कंपनी समर्थन मूल्य से अधिक का अनुदान दे रही है किसान निजी कंपनियों को बेचने इसलिए भी पसंद नहीं कर रहे क्योंकि असुविधा का सामना करना पड़ रहा है जिससे आम तौर पर सरकारी मीडिया में करना पड़ता है पंजाब हरियाणा में तो निजी कंपनियों के बीच गेहूं है किसान को मिले किसान नेताओं के तौर ©Ek villain #गेहूं की निजी खरीदें विश्व स्तर पर #Life