#love_shayari तु मिरि कुर्बत मे होकर मिरी *कुर्बत मे नहीं है,अब ऐसे साथ मे तिरि वो पहली सी उल्फत भी नहीं है//१*पास
मै गम ए शनास तेरे अदब मे
*अज़ीयत सहती रही,अब मुझमे तेरी*ताजीम की कोई *नीयत भी नहीं है//२
*कष्ट*सम्मान*मंशा
मुझे दर _बदर करने के तुने कई मन्सुबे घड़ तो लिए,के अब इसमे बची तिरि कुछ हकीकत भी नहीं है//३
#shamawritesBebaak