वाह रे केरल!! वाह रे भारत!! जपो अपने साक्षरता की माला। डूब मरो अब भारत के पाखंडियों, महिलाओं से क्यों प्रतिवंधित है सबरीमाला। जातियों में बांट-बांटकर तुम सब, फैलाया था तुमने वर्ग-विभेद। इसके बाद भी तुम रुके नहीं, घर-घर फैला दिया लिंग-विभेद। नारी को देवी की उपमा देने वाले, लक्ष्मी,दुर्गा,काली को पूजने वाले। "भगवान अयप्पा"के माँ की नाम बता दो, "सबरीमाला" में महिलाओं को रोकने वाले। अगर"भगवान अयप्पा"की माँ ब्रह्मचर्य होती, "भगवान अयप्पा" का कभी अस्तित्व न होता। अब तो बदल जाओ भारत के पाखंडियों, तेरे पाखण्ड से ही यहां बलात्कार है होता। मेरे प्रश्नो का अब उत्तर दो पाखंडियों, नौ दिनों तक किसको तुम पूजते हो। मिटटी के मूरत आगे क्यों झुकते हो, सचमुच की देवी को क्यों घूरते हो। पाखंडियों ने अब जाल फैलाया है, मुद्दों की चर्चा से राह भटकाया है। जाति और लिंग का खेल खेलकर , पाखंडियों ने रिस्तों में दाग लगाया है। सावधान हो जाओ भारत के लोगों, " राजेश कुमार "ने ये सन्देश फैलाया है। पाखंडियों की ये करतूत देख-देखकर, आज पूरा का पूरा विश्व शर्माया है। --Tr.Rajesh kumar Semari(dew),karghar Rohtas sasaram सबरीमाला