इश्क़ ए सदायें तो तलबगार है इश्क़ ए तो बहार दिल यार है.. किधर खोजिए इश्क दीदार है जिधर देखिए इश्क हमराज है बताओ जरा तलब इश्क़ की है उधर देखिए इश्क इंतजार है जरा सोचिए इश्क़ बेकरार है इधर देखिए इश्क दिलदार है लबों पे नज़्म चाहत महक है इधर देखिए दिल में प्यार है अभी तो दिलों की दास्तां बनीं हैं अभी यार तो दिल से मनुहार है जिधर देखिए इश्क ए बेजार है इधर देखिए इश्क ए बीमार है इश्क मेहरबान खुदा हो गया है इधर देखिए इश्क आधार है।। विमल सागर ©vimlesh Gautam https://youtube.com/@jindgikafasana6684 #बंदगी