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वो भी है कुछ ख़जालत से भरी - भरी मैं भी हूँ

वो  भी  है  कुछ  ख़जालत  से  भरी - भरी
मैं  भी  हूँ  कल  से  अनोखे   इज़्तिराब  में

अब्सारों   से   यूँ   टपक   रहा  था   नशा
जैसे  घोल  दी  हो  शराब  को  शबाब  में

मैं  कातिब  कुछ  अल्फ़ाज़ों  से  खफ़ा - खफ़ा
वो   गज़ल   मीर  की  कही  गई  हो  ईशाद  में

हम  भी  जागे  शब  भर  इब्तिदा-अ-तअश्शुक में
वो भी सोये नहीं पहली मुलाकात के इश्तियाक़ में

कौनसा जचेगा आज उन्हें पहरान आयना भी इज़्तिराब में
हम भी आयने से पूछ रहे बता कैसे बढ़ायें हाथ इत्तिहाद में

बढ़  चले  हैं  आज़र्दाह  कदम  एक  दूजे  की  ज़ानिब  "आफताब"
धक-धक फुवादी सल्तनत की बता रही चन्द लम्हे बचे है इम्तिहान में खजालत - शर्म, हया 
इज़्तिराब - अधीरता, व्याकुलता
इब्तिदा-अ-त'अश्शुक - प्यार की शुरुआत 
इश्तियाक - चाह 
इज़्तिराब- बैचेनी
इत्तिहाद - संधि, मित्रता

#love
वो  भी  है  कुछ  ख़जालत  से  भरी - भरी
मैं  भी  हूँ  कल  से  अनोखे   इज़्तिराब  में

अब्सारों   से   यूँ   टपक   रहा  था   नशा
जैसे  घोल  दी  हो  शराब  को  शबाब  में

मैं  कातिब  कुछ  अल्फ़ाज़ों  से  खफ़ा - खफ़ा
वो   गज़ल   मीर  की  कही  गई  हो  ईशाद  में

हम  भी  जागे  शब  भर  इब्तिदा-अ-तअश्शुक में
वो भी सोये नहीं पहली मुलाकात के इश्तियाक़ में

कौनसा जचेगा आज उन्हें पहरान आयना भी इज़्तिराब में
हम भी आयने से पूछ रहे बता कैसे बढ़ायें हाथ इत्तिहाद में

बढ़  चले  हैं  आज़र्दाह  कदम  एक  दूजे  की  ज़ानिब  "आफताब"
धक-धक फुवादी सल्तनत की बता रही चन्द लम्हे बचे है इम्तिहान में खजालत - शर्म, हया 
इज़्तिराब - अधीरता, व्याकुलता
इब्तिदा-अ-त'अश्शुक - प्यार की शुरुआत 
इश्तियाक - चाह 
इज़्तिराब- बैचेनी
इत्तिहाद - संधि, मित्रता

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