एक वृक्ष कई पत्तियां एक तना कई शाखाएं एक पुष्प कई पंखुड़ियां एक फल कई बीज एक मनुष्य कई रिश् इन सब का भी एक सत्य अनादि अनन्त ऊं निराकार जिसे न किसी ने देखा है न सुना है न पाया है न खोया है । मेरी नजर मे सिर्फ़ विश्वास करो तो विश्वास ना करो तो धोखा है, देखो तो कर्म है, न देखो तो चोरी है। पाओ तो धन है , न पाओ तो गरीबी है। अधिक है तो अभिमान है, कम है तो बैचैनी है। गरीब को दो तो दान है , अमीर को दोतो रिश्वत । चोरी करो तो जुर्म है, हक से लो तो भीख है । दान मे दो तो धर्म है, यही जीवन का सत्य है।।