गहराई मुद्दा रही है, लम्बाई नहीं। बड़ी जिंदगी हो, 'लम्बी' बड़ाई नहीं। सागर आंखों में,सोच में समंदर, रत्न -मोती बाद में,झांके अंदर, मंजर ही गुम अंबर,जुटी ऊंचाई नहीं। कबतक,कितनी देर तक बात कायम, कहां तक,कितनी दूर तक की,वो गम, पीछे पड़े, वक्त की पहले खिंचाई नहीं। ©BANDHETIYA OFFICIAL #मुद्दा #लंबाई नहीं! #JodhaAkbar