पूरा पढ़िए,आपका मकसद क्या है,रंजिश या समर्पण। लोग़ अच्छे भी होते है, लोग बुरे भी होते है... वक़्त का क्या है, वो तो अविरत चलता ही रहेगा... रिश्ता पनपता है आपके उसके प्रति व्यहवार पर... आपका उससे नज़रिया या मक़सद क्या है... रिश्ते में स्वार्थ की रंजिश या समर्पण का भाव... भाव सच्चे तो रिश्ते पनपेंगे, भाव गलत बने रिश्ते भी टूटेंगे..!! #आर्यवर्त