जिंदा हूं मैं थोड़ा,मैं थोड़ा मर चुका हूं बाकी हूं थोड़ा ख़ुद में,थोड़ा ख़ुद में मिट चुका हूं आज़ाद भी नहीं हूं,मैं बरबाद भी नहीं हूं थोड़ा नसीब ने लिख दिया है,थोड़ा ख़ुद मैं लिख चुका हूं मिट्टी का मैं बना हूं,तुम बूँदों सी बरस रही हो थोड़ा दूर हुआ हूं ख़ुद से,थोड़ा ख़ुद में बच गया हूं मंज़िल कोई नहीं है,सपनों सा ये सफ़र है थोड़ी ख़ुशबू उठ रही है,थोड़ा मैं बहक गया हूं दिल कह रहा है,छोड़ दूं अब ये दुनिया तेरी बात के ख़ातिर,फिर से पलट गया हूं उसने कहा है हमसे,तेरे इंतज़ार में खड़े हैं वो थोड़ा मुझमें रूक गई है,मैं थोड़ा उसमें ठहर गया हूं... © abhishek trehan #zinda #lovestory #yqdidi #hindipoetry #hindishyari #abhishektrehan #lifelessons #manawoawaratha