★★चली वसंत की होड़★★ चली वसंत की होड़ पतझड़ से ओतप्रोत निर्झर वादी की मनमोहक समीर भीनी-२ सी चमेली की खुशबू टिमटिमाते अंतर्मुखी तारे हँसते मटकते बरसते मेघ गुनगुनाते पीले सरसों के दाने खनकते बाँस के सुनहरे कोपलें दंभ भरती मृदा ऊपज की संवाद कड़क पछुआ पवन की सुशील सी उड़न पंछियों की शनैःशनैः खिलती कलियां कुसुम की प्रभात में पनपी मनमोहक मोती आशातीत अरुण की सुशोभित लालिमा अंततः अंतर्मन से निकले एक ही वर्णन बार-२ आओ वसंत! तुम्हारा है अभिनंदन!अभिनंदन!! #naturediariesbyarpit #वसंत #ऋतुराज #love #nature #yqbaba#yqdidi #mothertongue_verse